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Sunday, February 27, 2011

एक के बाद एक भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी


एक के बाद एक भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी


दिनांक – 27/2/2011
विदेशी बैंको मे जमा धन के मुद्दे पर अभी तक हम सभी ने बहुत कुछ लिखा पढ़ा और सुना अब विदेश मे जमा काले धन की स्वदेश वापसी मुद्दे पर हमारी सरकार गंभीर नही दिखाई पड़ रही है। बहुत दिनो तक इस पर होहल्ला चला अब इस मुद्दे पर से सभी लोगों का ध्यान हट गया, या धीरे-धीरे देर सवेर हट जाएगा सबके-सब एकदम खामोश और अब शुरु हुआ, अपने ही देश मे बैठे अरुण मिश्रा जैसे UP SIDC के चीफ इंजीनियर स्तर के एक कर्मचारी ने अकूत धन बैंको के वेनामी खातों मे और अनेको अचल संपत्तियां इकट्ठा होने के मुद्दे ने जोर पकड़ लिया है। इसकी जानकारी अभी CBI द्वारा उनके घर से लेकर कार्यालय पर मारे गये छापे से यह मालूम हुआ कि मनी लाँण्ड्रिंग के मामले के  रहस्य पर से पर्दा उठते-उठते एक अरब रुपए  के घोटाले होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। बहुत मात्रा मे धन, चल-अचल संपत्तियां अरुण मिश्रा ही नही ऐसे अनेको भ्रष्टाचारियों के लाकरों से लेकर उनके कब्जे मे फँस कर सड़ रहे होंगे। इस तरह हमारी अर्थव्यवस्था का सफेद धन, काले धन मे बदल कर हमारे अर्थ व्यावस्था से बाहर हो गया। जिसका प्रभाव परोक्ष-अपरोक्ष रुप से बाजार भाव से लेकर आर्थिक गती विधीयों मे पड़ना तय है। हमारे देश की गरीब जनता कठोर मेहनत करने के बावजूद और गरीब होता जा रहा है, धनी और धनी। इस पर भी हमारे देश की पार्टीयाँ और सरकार आर्थिक संपन्नता की बात करती है आर्थीक संपन्नता के मामले मे हमारे देश की गरीब जनता आर्थिक संपन्न भले ही न हुए हो भ्रष्टाचारी जनता जरुर आर्थिक संपन्न हो गये हैँ और हमारी सरकार कागजों मे ऐसे जनता की संपन्नता का आकड़ा दे कर हमारे देश की आर्थीक तरक्की की बात बड़े गर्व के अपने पार्टी की उपल्बधीयों का वखान समाचार पत्रो से लेकर दुर्दशन पर समय- समय करती रहती है। हमारे देश मे आर्थिक संपनता और समानता तभी आ सकती है जब पार्टीयां और सरकार वास्तव मे गरीब जनता के उत्थान और संपनता के लिए ईमानदारी से नही सोचेगी। यदि हमारे देश मे भ्रष्टाचार पर सर्वेक्षण कराया जाए तो देश की कुल आबादी के 25 से 30 प्रतिशत लोग किसी न किसी तरह के भ्रष्टाचार मे लिप्त पाये जाएगें। भले ही छोटा आदमी छोटा भ्रष्टाचार बड़ा आदमी बड़ा भ्रष्टाचार इन सभी भ्रष्टाचारीयों का काला धन वटोर कर देश के गरीब जनता मे समान रुप से बांट दिया जाना चाहिए। क्यों कि यह उन्ही लोगो का और हमारे देश की जनता का ही धन है और इस धन की कमी की बजह से न जाने कितने गरीबों को कफ़न तक से वंचित रहना पड़ा होगा।

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